
नई दिल्ली: बिहार की सियासत में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव के नतीजों ने नया उबाल ला दिया है. पंजाब और गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) की दमदार जीत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या कांग्रेस का 7% वोट शेयर अब AAP की झोली में चला जाएगा?
अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने साफ कर दिया है कि बिहार में वह किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि अकेले 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
23 जून को घोषित उपचुनाव के नतीजों ने ‘आप’ के लिए नई ऊर्जा का काम किया. गुजरात के विसावदर में गोपाल इटालिया और पंजाब के लुधियाना पश्चिम में संजीव अरोड़ा की जीत ने AAP को विपक्षी दलों के मुकाबले एक नया राजनीतिक विकल्प बनाने की दिशा में मजबूती दी है. केजरीवाल ने इन नतीजों को “2027 का सेमीफाइनल” बताते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमला बोला.
क्या कांग्रेस के वोट बैंक पर डाका डालेगी ‘आप’?
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 7% वोट मिले थे और 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद सिर्फ 19 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी. हालिया उपचुनावों में भी उसका प्रदर्शन फीका ही रहा.
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी अब भ्रष्टाचार, मुफ्त बिजली, और शिक्षा जैसे अपने कोर मुद्दों के सहारे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है.
‘दिल्ली-पंजाब मॉडल’ के सहारे शहरी वोट बैंक पर नजर
AAP का फोकस खासकर शहरी, युवा और मध्यम वर्ग के वोटरों पर है. पार्टी के अनुसार, कांग्रेस की लगातार आंतरिक गुटबाजी और जनाधार की कमी ने मतदाताओं को नया विकल्प तलाशने पर मजबूर किया है.
AAP के स्थानीय नेटवर्क्स अब व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम लाइव और जमीनी कैंपेन के जरिए सीधा कनेक्ट बना रहे हैं.
बबलू प्रकाश ने कांग्रेस पर बोला हमला
राज्य कार्यक्रम प्रभारी बबलू प्रकाश ने कहा,“कांग्रेस का तो कोई जनाधार ही नहीं है, वे लोग परजीवी हैं. हम उनके वोट बैंक के सहारे नहीं हैं, हम अपना मजबूत जनाधार तैयार कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता अब पारंपरिक राजनीति से ऊब चुकी है और ‘दिल्ली-पंजाब मॉडल’ की मांग कर रही है.
केजरीवाल जल्द करेंगे बिहार दौरा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जल्द ही बिहार का दौरा करेंगे और चुनावी रणनीति को जमीनी स्तर पर धार देंगे. पार्टी का मकसद है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनडीए दोनों को घेरकर खुद को मजबूत विकल्प के तौर पर पेश किया जाए.
क्या RJD-JDU को भी खतरा?
AAP की बिहार में एंट्री से सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि महागठबंधन और एनडीए दोनों के वोट बैंक में सेंध की संभावना जताई जा रही है. खासकर शहरी और युवा वर्ग AAP की प्राथमिक टारगेट बन चुकी है.
निष्कर्ष:
AAP की हालिया जीत ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. पार्टी जहां दिल्ली और पंजाब मॉडल को लेकर आत्मविश्वास से भरी है, वहीं कांग्रेस की ढीली पकड़ अब उसे और भी कमजोर कर सकती है.
क्या AAP कांग्रेस का 7% वोट बैंक हथिया पाएगी? इसका जवाब 2025 के चुनावी नतीजे ही देंगे, लेकिन तैयारी पूरी जोरों पर है.