
नई दिल्ली: इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रही है. बाबा बर्फानी के दर्शन की आस्था लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु पंजीकरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. जम्मू, दिल्ली, पटना, लखनऊ समेत तमाम शहरों में अमरनाथ यात्रा के टोकन लेने के लिए लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं.
पंजीकरण केंद्रों पर उमड़ा जनसैलाब
यात्रा के लिए ऑफलाइन टोकन और पंजीकरण प्रक्रिया जैसे ही शुरू हुई, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पंजीकरण केंद्रों पर उमड़ पड़ी. सुबह से ही लाइनें लग गईं, कई केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. एक अनुमान के मुताबिक, पहले दिन ही हजारों लोगों ने टोकन लेने के लिए आवेदन कर दिया.
श्रद्धालुओं का कहना है कि वे कई सालों से बाबा अमरनाथ के दर्शन की इच्छा लिए इंतजार कर रहे थे और इस बार वो अवसर मिला है. कुछ लोग परिवार सहित पहुंचे, तो कुछ युवा ग्रुप के साथ यात्रा की तैयारी में जुटे हैं.
यात्रा मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था
अमरनाथ यात्रा दो प्रमुख मार्गों से होती है – पहलगाम और बालटाल. इस बार प्रशासन ने दोनों मार्गों पर पर्याप्त चिकित्सा, सुरक्षा और भोजन की व्यवस्था की है. जम्मू-कश्मीर पुलिस, ITBP, CRPF और सेना की टुकड़ियां यात्रा मार्गों पर तैनात रहेंगी. मौसम की स्थिति पर नियंत्रण के लिए भी सैटेलाइट निगरानी का सहारा लिया जाएगा.
इस वर्ष 60 दिन तक चलने वाली यात्रा 31 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी. पंजीकरण के बाद श्रद्धालुओं को RFID टैग भी दिए जा रहे हैं ताकि यात्रा ट्रैकिंग और सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके.
ऑनलाइन और हेल्पलाइन सुविधा
जो लोग पंजीकरण केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे, उनके लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किए गए हैं. इसके ज़रिए देश के किसी भी कोने से लोग अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं. हालांकि टोकन की संख्या सीमित है, इसलिए श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द पंजीकरण करवाएं.
श्रद्धालु बोले– “बाबा ने बुलाया है”
कई श्रद्धालुओं की जुबान पर एक ही बात है– “बाबा बर्फानी ने बुलाया है.” हर साल लाखों की संख्या में भक्त कठिन पहाड़ी रास्तों से होते हुए गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन करते हैं. प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को हेल्थ चेकअप, गरम कपड़े और दवाइयों के साथ यात्रा करने की सलाह दी गई है.