
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा में है. कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है.
यह मामला ठीक एक साल पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस की भयावह यादें ताज़ा कर रहा है. इस बार भी आरोप सत्ता से जुड़े लोगों पर है, जिसने ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
इस गंभीर मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो कोलकाता पहुंचकर न सिर्फ पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेगी बल्कि पीड़िता के परिवार और कॉलेज प्रबंधन से भी बातचीत करेगी.
इस टीम में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सतपाल सिंह, राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा, लोकसभा सांसद बिप्लब देब और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी शामिल हैं.
कानून की पढ़ाई कर रही छात्रा बनी दरिंदगी का शिकार
साउथ कोलकाता के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुई इस कथित घटना ने कॉलेज प्रशासन और राज्य सरकार दोनों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
घटना के बाद कॉलेज परिसर में छात्रों में भय और आक्रोश का माहौल है. आरोपी का कथित संबंध सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से बताया जा रहा है, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है.
बीजेपी की जांच टीम ने जताई चिंता, ममता सरकार पर सीधा निशाना
डॉ. सतपाल सिंह ने इस मुद्दे पर कहा, “पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा लगातार चिंता का विषय बनी हुई है. आरजी कर केस की तरह यह नया मामला भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे हमें राज्य में स्वतंत्र जांच के लिए सहयोग दें.”
मीनाक्षी लेखी का तीखा हमला: “महिला सीएम के राज में महिलाएं असुरक्षित”
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बयान दिया, “यह जांच का विषय है कि एक अपराधी प्रवृत्ति वाला व्यक्ति कॉलेज में इतनी देर तक कैसे सक्रिय रहा? यह शर्मनाक है कि एक महिला मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस तरह की जघन्य घटनाएं बार-बार हो रही हैं.”
ममता सरकार के खिलाफ विरोध, बीजेपी ने निकाला मशाल जुलूस
इस घटनाक्रम के खिलाफ कोलकाता और अन्य जिलों में भाजपा महिला मोर्चा की ओर से विरोध प्रदर्शन और मशाल जुलूस निकाले गए. कलकत्ता लॉ कॉलेज के बाहर छात्रों और स्थानीय लोगों में भारी रोष देखा गया.
नलिन कोहली ने भी ममता सरकार को घेरा
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, “यह अत्यंत दुखद है. जब एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए भी प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध थम नहीं रहे, तो सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठना स्वाभाविक है.”
सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था और कॉलेज प्रशासन
यह घटना कई सवाल खड़े करती है—क्या कॉलेज परिसर महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं? क्या सत्तारूढ़ दल से जुड़े आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है? क्या पुलिस और प्रशासन सच में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे?
निष्कर्ष: महिला सुरक्षा पर फिर से बहस जरूरी
कोलकाता लॉ कॉलेज की यह घटना न केवल बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या महिला सुरक्षा सिर्फ भाषणों तक सीमित है. राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को अब त्वरित कार्रवाई के साथ उदाहरण पेश करना होगा.