
नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने इस बार पहले से अधिक सीटों की मांग करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
बुधवार रात CPI के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा और राज्य सचिव राम नरेश पांडे ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की और 24 सीटों पर दावा ठोका.
बैठक के बाद CPI नेताओं ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि उनकी पार्टी पूरे बिहार में मजबूत स्थिति में है और पिछली बार की तरह केवल छह सीटों से संतोष नहीं किया जा सकता. CPI का दावा है कि महागठबंधन में सबसे प्रभावशाली वोट ट्रांसफर कराने की ताकत उन्हीं के पास है.
सभी 243 सीटों पर हमारी स्थिति मजबूत: CPI
CPI के राज्य सचिव राम नरेश पांडे ने कहा, “हमने तेजस्वी यादव को 24 सीटों की सूची सौंप दी है. 2020 में हमें सिर्फ 6 सीटें दी गई थीं, जो सम्मानजनक नहीं थीं. इस बार हम महागठबंधन में रहते हुए 24 सीटों पर लड़ना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि पिछली बार भले ही छह में से दो सीटें जीती गई थीं, लेकिन वोट ट्रांसफर सबसे ज्यादा CPI ने ही कराया था.
महागठबंधन में फूट नहीं, लक्ष्य है NDA को हराना
RJD के प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने CPI की मांग को लेकर कहा, “सीटों की संख्या से ज्यादा अहम है कि NDA को सत्ता से कैसे हटाया जाए. सीट शेयरिंग को लेकर कोई टेंशन नहीं है. सब कुछ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सुलझा लिया जाएगा.”
संभावित सीट बंटवारा: किसे मिल सकती हैं कितनी सीटें?
सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में RJD को 140, कांग्रेस को 52, वाम दलों को 35 और वीआईपी को 15 सीटें मिल सकती हैं. इस फॉर्मूले में थोड़ा-बहुत फेरबदल संभव है. अगर पशुपति पारस की RLJP गठबंधन में शामिल होती है तो उसे 3–4 सीटें दी जा सकती हैं.
2024 लोकसभा चुनाव से मिली रणनीति
विधानसभा सीट बंटवारे का खाका 2024 के लोकसभा चुनाव में मिले अनुभव के आधार पर तैयार किया गया है. उस समय RJD को 23, कांग्रेस को 9, वाम दलों को 5 और VIP को 3 सीटें दी गई थीं. उसी तर्ज पर विधानसभा के लिए समीकरण तैयार हो रहे हैं.
अंतिम दौर में बातचीत, जल्द हो सकता है एलान
महागठबंधन के भीतर बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. सभी दलों की आपसी सहमति बनते ही सीट शेयरिंग का औपचारिक एलान किया जा सकता है. सभी सहयोगी दल तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान चुके हैं और NDA को सत्ता से बाहर करने के लिए कमर कस चुके हैं.