
नोएडा: मध्य-पूर्व में तनावपूर्ण हालातों के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने ईरान के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है. काट्ज ने साफ तौर पर कहा है कि ईरान को तत्काल अपने पास जमा खतरनाक स्तर के एनरिच यूरेनियम को वापस करना होगा.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह वही यूरेनियम है जिससे परमाणु बम तैयार किया जा सकता है, और इसे लेकर अमेरिका और इजरायल का संयुक्त रुख बिल्कुल स्पष्ट है.
काट्ज ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि इजरायल द्वारा हाल ही में ईरान पर किए गए हमलों का मकसद उसकी परमाणु ताकत को कमजोर करना था.
उनका कहना है कि अब ईरान की परमाणु क्षमताएं काफी हद तक सीमित हो चुकी हैं, लेकिन उसके यूरेनियम भंडार की लोकेशन को लेकर अभी भी चिंता बनी हुई है.
ईरान के पास नहीं बची परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता
इजरायल के रक्षा मंत्री के अनुसार, हाल के हमलों में ईरान की ट्रांसफर फैसिलिटी को नष्ट कर दिया गया है, जो यूरेनियम को हथियारों के लायक बनाने में इस्तेमाल होती थी. काट्ज ने कहा, “अब ईरान के पास ऐसा कोई तरीका नहीं बचा है जिससे वह यूरेनियम को परमाणु बम में तब्दील कर सके.”
कहां छिपा है यूरेनियम? इजरायल भी नहीं जानता
काट्ज ने स्वीकार किया कि इजरायल को इस बात की पूरी जानकारी नहीं है कि ईरान ने एनरिच यूरेनियम का भंडार कहां छिपाया है. “यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि कहीं ईरान गुप्त रूप से परमाणु बम बनाने की तैयारी में तो नहीं जुटा हुआ.”
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिकी हमलों से पहले फोर्डो साइट पर ट्रकों की गतिविधि देखी गई थी, जिससे संदेह है कि ईरान ने यूरेनियम पहले ही हटा लिया था. यूरोपीय खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि ईरान के पास 408 किलोग्राम हाई-ग्रेड यूरेनियम अब भी मौजूद है.
खामेनेई को निशाना बनाने की योजना थी
काट्ज ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा, “हमारी सेना की योजना ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को युद्ध के दौरान मारने की थी. लेकिन वे एक बंकर में छिप गए, जिससे ऑपरेशन को अंजाम देना संभव नहीं हो सका.” यह बयान बताता है कि इजरायल किस हद तक ईरान की शीर्ष लीडरशिप को निशाना बनाने के लिए तैयार था.
क्या अमेरिका से मांगी गई थी इजाजत?
जब काट्ज से पूछा गया कि क्या इस योजना के लिए अमेरिका की अनुमति ली गई थी, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, “इजरायल को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णयों के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.” उनका इशारा था कि खामेनेई को मारने की योजना पूरी तरह इजरायल की स्वतंत्र नीति का हिस्सा थी.
निष्कर्ष: अगला कदम क्या हो सकता है?
काट्ज के बयानों से स्पष्ट है कि इजरायल अब और अधिक धैर्य नहीं दिखाएगा. यदि ईरान ने यूरेनियम नहीं सौंपा, तो आने वाले दिनों में और आक्रामक सैन्य कदम उठाए जा सकते हैं. इजरायल ने ईरान को एक स्पष्ट विकल्प दे दिया है—या तो वह संवर्धित यूरेनियम सौंप दे या वैश्विक प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहे.