
नोएडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में जबरदस्त रोड शो के साथ अपने दौरे की शुरुआत की और इसके साथ ही राज्यवासियों को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी.
इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की पहली भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर उसे “सुशासन की स्थापना की वर्षगांठ” बताया और ओडिशा की जनता को दिल से शुभकामनाएं दीं.
पीएम मोदी ने इस दौरे में न केवल विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत की जमकर सराहना की.
इसके अलावा उन्होंने एक भावुक किस्सा साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आमंत्रण ठुकराकर ओडिशा आने को प्राथमिकता दी.
ओडिशा को मिली विकास की नई राह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा को पेयजल, सिंचाई, कृषि और स्वास्थ्य अवसंरचना से जुड़ी बड़ी परियोजनाएं समर्पित कीं. इसके अलावा ग्रामीण सड़कों, पुलों और राष्ट्रीय राजमार्गों के कई खंडों को हरी झंडी दिखाई गई. साथ ही राज्य के बौध जिले को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ते हुए एक नई ट्रेन सेवा का उद्घाटन भी किया गया.
जनसभा में दिखा जनसैलाब, पीएम ने जताया आभार
भुवनेश्वर में आयोजित जनसभा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री ने कहा,
“आज 20 जून का दिन बहुत विशेष है. आज ओडिशा में पहली भाजपा सरकार ने सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा किया है. यह वर्षगांठ सिर्फ सरकार की नहीं है; यह सुशासन की स्थापना की वर्षगांठ है.
यह एक वर्ष जनसेवा और जनविश्वास को समर्पित है. मैं ओडिशा के लोगों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं. मैं मुख्यमंत्री मोहन माझी और उनकी पूरी टीम को भी बधाई देता हूं.”
“ओडिशा भारत की समृद्ध विरासत का चमकता सितारा है”
अपने भाषण में पीएम मोदी ने ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा,
“ओडिशा सिर्फ एक राज्य नहीं है, यह भारत की समृद्ध विरासत का एक चमकता सितारा है. सदियों से ओडिशा ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समृद्ध किया है. यही कारण है कि आज जब ‘विकास और विरासत’ का मंत्र भारत की प्रगति का आधार बन रहा है, तो ओडिशा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है.”
ट्रंप का निमंत्रण ठुकराकर पहुंचे ओडिशा
पीएम मोदी ने बताया कि हाल ही में कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने का न्योता मिला था.
“अभी दो दिन पहले, मैं जी7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा में था. मेरी यात्रा के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुझे फोन किया. उन्होंने कहा, ‘चूंकि आप पहले से ही कनाडा में हैं, तो वाशिंगटन क्यों नहीं आते? चलिए खाना खाते हैं और बात करते हैं.’ उन्होंने गर्मजोशी से निमंत्रण दिया.”
“मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से सम्मानपूर्वक कहा, ‘आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, लेकिन मेरे लिए महाप्रभु की पवित्र भूमि पर जाना आवश्यक है.’ और इसलिए, मैंने विनम्रतापूर्वक उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि महाप्रभु के प्रति आपका प्रेम और भक्ति मुझे इस पवित्र भूमि पर खींच लाई.”