
नोएडा: ईरान और इजराइल के बीच चल रही जंग अब उस मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां पूरी दुनिया सांसें थामे बैठी है. मिसाइलें दागी जा रही हैं, बम बरसाए जा रहे हैं और हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब इस टकराव में सबसे बड़ा खतरा तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर मंडराने लगा है.
ईरान पर अमेरिका के बंकर बस्टर बम हमले के बाद से तेहरान पीछे हटने को तैयार नहीं है. जवाबी कार्रवाई के तहत ईरान ने अब होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी दे दी है. ईरान की संसद ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
क्या है होर्मुज स्ट्रेट और क्यों है ये इतना अहम?
होर्मुज स्ट्रेट ओमान और ईरान के बीच स्थित एक संकरा समुद्री मार्ग है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और फिर अरब सागर से जोड़ता है. इसकी लंबाई लगभग 167 किलोमीटर और सबसे संकरे बिंदु पर चौड़ाई मात्र 33 किलोमीटर है, जहां से होकर दुनिया का लगभग 30% कच्चा तेल समुद्री रास्ते से सप्लाई होता है. यह दुनिया का सबसे अहम ऑयल चोक पॉइंट माना जाता है.
तेल और गैस की सप्लाई पर गहरा असर
एक आंकड़े के अनुसार, इस जलमार्ग से रोजाना 2.03 करोड़ बैरल कच्चा तेल और 29 करोड़ क्यूबिक मीटर LNG दुनिया भर में सप्लाई की जाती है. खासकर ओपेक के सदस्य देश – सऊदी अरब, ईरान, यूएई, कुवैत और इराक अपने अधिकांश तेल का निर्यात इसी रूट से करते हैं, जिसमें भारत, चीन और यूरोप जैसे बड़े उपभोक्ता देश शामिल हैं.
होर्मुज स्ट्रेट बंद हुआ तो क्या होगा?
अगर ईरान इस रूट को पूरी तरह बंद करता है तो इसका सीधा असर तेल की कीमतों पर पड़ेगा. अमेरिकी प्रशासन ने इसे “इकोनॉमिक सुसाइड” करार देते हुए कहा कि यह कदम ईरान-इजराइल युद्ध को और भड़का सकता है. इससे ग्लोबल इनफ्लेशन बढ़ेगा और तेल की सप्लाई बाधित होने से ऊर्जा संकट पैदा होगा.
भारत के लिए क्यों है होर्मुज स्ट्रेट जरूरी?
भारत अपनी तेल खपत का बड़ा हिस्सा इसी रूट के ज़रिए मंगवाता है. भारत में प्रतिदिन 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है, जिसमें से 1.5 मिलियन बैरल तेल होर्मुज स्ट्रेट के जरिए आता है. भारत इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत जैसे देशों से भारी मात्रा में तेल आयात करता है.
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा,
“हम पिछले दो सप्ताह से मध्य पूर्व की भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हमने सप्लाई के विभिन्न स्रोतों से विविधता लाई है और हमारी तेल कंपनियों के पास कई सप्ताह की सप्लाई मौजूद है. हम नागरिकों को स्थिर ईंधन आपूर्ति देने के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे.”
ईरान की चेतावनी और अगला कदम
ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अरागची ने चेतावनी देते हुए कहा,
“होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी हमारी संसद ने दे दी है, और यह अमेरिका की बमबारी का खुला प्रतिशोध है. ट्रंप के उस फैसले को अमेरिका हमेशा याद रखेगा, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
दुनिया भर में दहशत और चिंता
जैसे ही होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की खबर आई, विश्व के कई देशों में तेल संकट और महंगाई को लेकर चिंता बढ़ गई है. ग्लोबल बाजारों में कच्चे तेल के दामों में उछाल देखा गया है और अगर हालात जल्द नहीं संभले तो विश्व अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है.