
Period cramps in summer: महिलाएं पीरियड्स के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करती हैं. इन दिनों का दर्द, थकान और असहजता उनके रूटीन को बेशक नहीं रोक पाते, लेकिन हर महिला जानती है कि इन दिनों को झेलना आसान नहीं होता.
पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स कई बार इतने तीव्र हो सकते हैं कि पेनकिलर के बिना कुछ घंटे भी काटना मुश्किल हो जाता है.
आमतौर पर माना जाता है कि पीरियड क्रैम्प्स हर महिला के अनुभव में अलग-अलग होते हैं, लेकिन क्या आपने गौर किया है कि गर्मियों में ये दर्द कुछ ज्यादा ही परेशान करने लगते हैं? अगर हां, तो यह महज आपका वहम नहीं है.
दरअसल, गर्मियों के मौसम में पीरियड क्रैम्प्स वास्तव में ज्यादा तेज़ और तकलीफदेह हो सकते हैं. इसकी पुष्टि आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नीतिका कोहली भी करती हैं, जिनका इस फील्ड में 17 वर्षों का अनुभव है.
गर्मी में क्यों बढ़ जाते हैं पीरियड क्रैम्प्स?
गर्मियों के मौसम में शरीर की भीतरी गर्मी यानी इंटरनल हीट बढ़ जाती है. इससे शरीर का संतुलन प्रभावित होता है और पेल्विक एरिया में प्रेशर अधिक महसूस होता है. यही कारण है कि मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ती है और दर्द असहनीय हो जाता है.
शरीर में बढ़ती गर्मी बनती है दर्द की वजह
डॉ. कोहली बताती हैं कि, “गर्मी के मौसम में शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स के दौरान दर्द और ज्यादा बढ़ जाता है.”
गर्मी में पसीने के माध्यम से शरीर से मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और थकान जल्दी महसूस होती है. इस वजह से पीठ दर्द और कमजोरी भी ज्यादा होती है.
डिहाइड्रेशन और नींद की कमी से और बिगड़ती है स्थिति
गर्मियों में डिहाइड्रेशन एक आम समस्या होती है. पानी की कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो जाता है, जिससे दर्द की तीव्रता और बढ़ जाती है.
साथ ही गर्मियों में नींद भी अक्सर प्रभावित होती है, जिससे शरीर की रिकवरी प्रक्रिया धीमी हो जाती है और दर्द सहने की क्षमता घट जाती है.
बढ़ती हीट से मसल्स होती हैं प्रभावित
डॉ. नीतिका कहती हैं कि, “गर्मी में शरीर की मसल्स फैलती हैं और पेल्विक एरिया में दबाव बढ़ता है. इससे दर्द के साथ-साथ ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या भी देखने को मिलती है.”
इन सभी कारणों से पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द अधिक महसूस होता है और महिलाएं खुद को कमजोर और थका हुआ महसूस करती हैं.
आयुर्वेदिक समाधान: ठंडे और संतुलित आहार से मिल सकता है आराम
आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी के मौसम में शरीर में पित्त दोष को संतुलित करने वाले आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है. डॉ. कोहली सलाह देती हैं कि पीरियड्स के दौरान निम्नलिखित चीजों का सेवन लाभकारी हो सकता है:
धनिये के बीज का पानी – शरीर की गर्मी को कम करता है और सूजन में राहत देता है.
नारियल पानी – डिहाइड्रेशन से बचाता है और शरीर को ठंडक देता है.
घी – आंतरिक शीतलता बनाए रखता है और पाचन में सुधार करता है.
खीरा – शरीर को ठंडक देता है और ब्लोटिंग से राहत दिलाता है.