
नई दिल्ली: एलन मस्क की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा Starlink को आखिरकार भारत सरकार की ओर से GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस मिल गया है।
इस कदम से भारत में डिजिटल क्रांति को नई दिशा मिलने वाली है, खासतौर पर उन ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में, जहां आज भी तेज़ इंटरनेट की पहुंच एक सपना है।
🔹 कितनी होगी कीमत? जानिए खर्च का पूरा ब्योरा
स्टारलिंक डिवाइस की कीमत भारत में करीब ₹33,000 होगी। सेवा शुरू करने के बाद, यूजर्स को मासिक ₹3,000 में अनलिमिटेड हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा। खास बात यह है कि नए यूजर्स को एक महीने का फ्री ट्रायल भी दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें सेवा जारी रखने के लिए शुल्क देना होगा।
🔹 स्टारलिंक क्या है और कैसे काम करता है?
Starlink, एलन मस्क की कंपनी SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है। यह सेवा Low Earth Orbit (LEO) में मौजूद हजारों छोटे सैटेलाइट्स के ज़रिए 25 से 220 Mbps तक की स्पीड और कम लेटेंसी वाला इंटरनेट उपलब्ध कराती है।
इसके लिए किसी फाइबर या टावर की जरूरत नहीं होती — यह सेवा सीधे यूज़र टर्मिनल तक सैटेलाइट से सिग्नल भेजती है, जिससे पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज इंटरनेट उपलब्ध हो पाता है।
🔹 क्यों खास है भारत में इसकी एंट्री?
भारत में 2021 में बिना लाइसेंस के प्री-बुकिंग शुरू करने पर सरकार की आपत्ति झेल चुकी Starlink ने अब सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। डेटा लोकलाइजेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को हल करने के बाद कंपनी को हरी झंडी मिली है।
यह कदम देशभर में डिजिटल समावेशन को तेज़ करने के साथ-साथ ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस जैसी सेवाओं को सुदूर इलाकों तक पहुंचाएगा