
नई दिल्ली : जातिगत जनगणना को लेकर लंबे समय से जारी बहस अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। केंद्र की मोदी सरकार ने जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस केवल समर्थन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इस प्रक्रिया का डिज़ाइन भी खुद तैयार करेगी।
राहुल गांधी ने उठाया टाइमलाइन का मुद्दा
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जातीय जनगणना कब और कैसे कराई जाएगी? उन्होंने कहा कि सिर्फ घोषणा करने से काम नहीं चलेगा, जनता को पूरी प्रक्रिया की टाइमलाइन पता होनी चाहिए।
तेलंगाना मॉडल को बताया बेहतर, बिहार मॉडल पर टिप्पणी
गांधी ने तेलंगाना में हुए जातीय सर्वेक्षण को एक बेहतर मॉडल करार देते हुए कहा कि कांग्रेस इसी तरह का एक समावेशी मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ आंकड़े नहीं जुटाना चाहते, बल्कि दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज को सत्ता और संसाधनों में भागीदारी दिलाना चाहते हैं।
पहलगाम हमले पर सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
राहुल गांधी ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है और पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि शहीदों को सम्मान मिलना चाहिए। राहुल ने यह भी कहा कि शहीदों के परिवारों की इच्छा है कि उन्हें “शहीद” का दर्जा दिया जाए और उन्होंने यह संदेश प्रधानमंत्री तक पहुंचाया है।