नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इस हमले के बाद भारत सरकार अब केवल निंदा तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति पर काम कर रही है। खुफिया रिपोर्टों और सैन्य हलचलों से संकेत मिल रहे हैं कि सीमा पार जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है।

एलओसी पार आतंकी ठिकानों पर नजर
सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों की आपात बैठकें लगातार जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, नियंत्रण रेखा (LoC) के उस पार मौजूद आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाने की योजना बनाई जा रही है। यह साफ है कि भारत अब कूटनीतिक बयानबाज़ी से आगे बढ़कर सैन्य स्तर पर ठोस कदम उठाने की दिशा में है।पाकिस्तान में दहशत और हाई अलर्टभारत के संभावित जवाबी हमले से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। वहां के सैन्य ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमा के पास सेना की गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। पाकिस्तान को डर है कि भारत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक की तर्ज पर फिर से कोई बड़ा कदम उठा सकता है।
सरकार का स्पष्ट संदेश: कोई रहम नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठकों में स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी। देश भर में जनता और शहीदों के परिजन बदले की मांग कर रहे हैं, और सरकार अब हर मोर्चे पर जवाब देने को तैयार है।
खुफिया और सैन्य एजेंसियों में तालमेल
इस बार की कार्रवाई बेहद गोपनीय और सटीक होगी। RAW, IB, NIA और सैन्य खुफिया इकाइयों ने मिलकर संभावित टारगेट की पहचान कर ली है। इन पर ड्रोन, सैटेलाइट और साइबर निगरानी शुरू हो चुकी है ताकि किसी तरह की चूक न हो और हर कदम रणनीति के तहत उठाया जाए।