
नई दिल्ली: कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन का पहला दिन जितना कूटनीति के लिहाज़ से अहम था, उससे कहीं ज़्यादा यह राजनीतिक टकराव, अहं और दिखावे की राजनीति का मंच बन गया.
जी-7 का उद्देश्य भले ही वैश्विक विकास और गंभीर मुद्दों पर चर्चा करना रहा हो, लेकिन पहले दिन की तस्वीरें और बयानों ने कुछ और ही संकेत दिए.
फैमिली फोटो सेशन से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक, मंच पर मौजूद विश्व नेताओं के बीच टकराव खुलकर सामने आया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जल्दबाज़ी, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर कसा तंज और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की दखल ने समिट को गरमा दिया.
ट्रंप बोले- “मुझे अमेरिका जल्दी लौटना है”
G-7 समिट के फैमिली फोटो सेशन के दौरान सभी राष्ट्राध्यक्ष मंच पर मौजूद थे. इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चौंकाने वाला बयान दिया– “मुझे अमेरिका जल्दी निकलना है.” भले ही यह घोषणा पहले से तय रही हो, लेकिन जिस लहज़े में और मौके पर ट्रंप ने यह कहा, उसने अन्य नेताओं को असहज कर दिया.
ट्रंप ने कहा, “मैं इन शानदार नेताओं के साथ डिनर कर रहा हूं, लेकिन मुझे तुरंत विमान में चढ़कर लौटना है. मैं चाहता हूं रुक जाऊं, लेकिन वे समझेंगे, ये बहुत ज़रूरी है.”
मैक्रों की टिप्पणी और ट्रंप का पलटवार
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दावा किया कि ट्रंप जल्द लौट रहे हैं ताकि इजरायल-ईरान संघर्षविराम पर काम कर सकें. इस पर ट्रंप भड़क गए और जवाब दिया–
“पब्लिसिटी के भूखे मैक्रों ने गलत दावा किया है. उन्हें नहीं पता मैं क्यों जा रहा हूं. यह युद्धविराम से कहीं बड़ी बात है. इमैनुएल हमेशा गलत ही बोलते हैं, चाहे अनजाने में हो या जानबूझकर.”
रूस को लेकर तीसरा विवाद
G-7 सम्मेलन में ट्रंप ने रूस के मुद्दे पर भी चिंगारी भड़का दी. उन्होंने कहा कि रूस को G-8 से बाहर निकालना एक बड़ी भूल थी.
“पुतिन का अपमान हुआ है. वे अब किसी अन्य नेता से बात नहीं करना चाहते, सिर्फ मुझसे करते हैं. अगर रूस आज भी G-8 में होता, तो युद्ध नहीं होता,” – ट्रंप ने कहा.
यह टिप्पणी उन्होंने कनाडा की धरती पर ही दी, जिससे समिट के मेजबान पीएम मार्क कार्नी को असहज स्थिति में खड़ा होना पड़ा.
प्रेस वार्ता में ट्रंप की बोलती बंद
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें डोनाल्ड ट्रंप मीडिया से बात कर रहे थे, तभी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने बीच में रोकते हुए कहा–
“एक अध्यक्ष और मेजबान देश के तौर पर मुझे अपने काम करने दें.”
इस टिप्पणी ने ट्रंप को क्षणभर के लिए असहज कर दिया.
डिप्लोमेसी या पब्लिसिटी?
G-7 समिट के पहले दिन की हलचल ने ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ये मंच अब कूटनीति का रहा भी है या सिर्फ दिखावे और व्यक्तिगत राजनीति का अड्डा बन गया है. ट्रंप और मैक्रों की खींचतान, रूस को लेकर पुराने घाव, और मेजबान कनाडा की बेचैनी—ये संकेत साफ हैं कि ग्लोबल मंच पर भी टकराव की राजनीति सिर चढ़कर बोल रही है.