नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब केंद्र सरकार एक्शन मोड में है। सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रील का आयोजन करने का फैसला लिया है। इस ड्रील में आम नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस मॉक ड्रील की खास बात है — ब्लैकआउट। यानी कुछ समय के लिए बिजली की रोशनी पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। घरों की बत्तियां, स्ट्रीट लाइट्स और गाड़ियों की हेडलाइट्स तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है।अब
आप सोच रहे होंगे कि ये ब्लैकआउट आखिर होता क्या है और क्यों जरूरी है? दरअसल, जब देश पर युद्ध या हवाई हमले का खतरा होता है, तो दुश्मन अक्सर जमीन पर जलती रोशनी को टारगेट करता है। ऐसे में रोशनी बंद कर देने से दुश्मन की निगाहें धोखा खा जाती हैं और जान-माल का नुकसान टल सकता है।
ब्लैकआउट कोई नया तरीका नहीं है, बल्कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया गया था। तब रेडियो पर ‘बत्तियां बुझा दो’ जैसे संदेश देकर लोगों को सतर्क किया जाता था। अब एक बार फिर वही सावधानी बरती जा रही है — ताकि किसी भी संकट की घड़ी में देश तैयार रह सके।
इस मॉक ड्रील के जरिए सरकार का मकसद साफ है — नागरिकों को सजग और सतर्क बनाना, ताकि आपात स्थितियों में जान बचाई जा सके और नुकसान को कम किया जा सके।