
नई दिल्ली (12 मई 2025): भारत ने एक बार फिर अपनी शक्ति, धैर्य और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का परिचय देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस साहसिक सैन्य कार्रवाई के बारे में जानकारी दी और इसे देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतीक बताया।
वीरता और पराक्रम का परिचय
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना, खुफिया एजेंसियों, वैज्ञानिकों और सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित है। 6 मई की रात और 7 मई की सुबह भारतीय सेना ने आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें 100 से अधिक खूंखार आतंकवादी मारे गए।
भारत का संकल्प और साहस
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को केवल सैन्य अभियान नहीं बल्कि न्याय की प्रतिज्ञा करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों के तमाम भ्रम तोड़ते हुए कड़ा संदेश दिया है। राष्ट्र जब एकजुट होकर ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना से प्रेरित होता है, तो मजबूत निर्णय लिए जाते हैं।
एयर डिफेंस प्रणाली की सफलता
पाकिस्तान की ओर से दागी गई मिसाइलें और ड्रोन भारत की अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली के आगे निष्फल साबित हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पर तैयारी कर रहा था, लेकिन भारत ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त कर दिया।
आतंकवाद पर कड़ा रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई को फिलहाल रोका गया है, लेकिन भविष्य में आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का रवैया ही उसका भाग्य तय करेगा। भारत की नीति स्पष्ट है – ‘आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते’।
पाकिस्तान को आत्ममंथन की सलाह
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति पाकिस्तान के लिए ही घातक सिद्ध होगी। यदि पाकिस्तान को अपने भविष्य को सुरक्षित रखना है, तो उसे आतंकी ढांचे को समाप्त करना होगा।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक और बातचीत साथ नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि आतंकवाद और वार्ता साथ नहीं चल सकते। ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते’ – इस कथन से उन्होंने यह संदेश दिया कि मानवता और आतंक में कोई समानता नहीं हो सकती।
भारतीय सेना की कार्रवाई का प्रभाव
पाकिस्तान सीमा पर हमले की योजना बना रहा था, लेकिन भारत ने सीधा उनके आतंकी ठिकानों पर वार किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई थी, जिससे आतंकवादियों का सफाया संभव हुआ। यह सर्जिकल स्ट्राइक से भी आगे की सोच का प्रतीक है।
न्याय की भावना से प्रेरित ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उन महिलाओं के सम्मान की रक्षा का प्रतीक है, जिनके सिंदूर को आतंकियों ने चुनौती दी। यह भारत की अस्मिता की रक्षा का प्रतीक है।
रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने भारत की एयर डिफेंस प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि मेड इन इंडिया उपकरणों की सक्षमता ने देश की रक्षा को मजबूत किया है। उन्होंने इसे 21वीं सदी के युद्ध कौशल में भारत की श्रेष्ठता का प्रतीक बताया।
वैश्विक समुदाय से अपील
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि यह युग युद्ध का नहीं, न ही आतंकवाद का है। उन्होंने कहा कि यदि बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पीओके पर केंद्रित होगी। भारत ने स्पष्ट किया कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल जैसी धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।