
नई दिल्ली: लखीमपुर जिले के किसान इन दिनों मक्का की खेती से जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं. पोषक तत्वों से भरपूर और बाजार में लगातार मांग वाली यह फसल अब किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. जून महीने में मक्का की फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है और खेतों में इसकी कटाई जोरों पर है.
जहां पहले मजदूरों की कमी के चलते किसानों को कटाई के वक्त भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, वहीं अब आधुनिक हार्वेस्टिंग मशीनों की मदद से काम न केवल आसान हुआ है, बल्कि लागत भी कम हो गई है. खेतों में मक्का की कटाई का काम अब तेजी से और कुशलता से पूरा हो रहा है, जिससे किसानों को समय पर अच्छी कीमत मिल रही है.
बाजार में मक्का की मांग लगातार बनी हुई है
स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर मक्का की बाजार में लगातार डिमांड बनी रहती है. यह न केवल पशु आहार बल्कि इंसानी खपत में भी बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है. यही वजह है कि इसकी बिक्री में किसानों को हमेशा उचित दाम मिल जाते हैं. हालांकि, पहले इसकी कटाई, मजदूरी और ट्रांसपोर्टेशन जैसे खर्च काफी ज्यादा होते थे, जिससे मुनाफा घट जाता था.
हार्वेस्टिंग मशीन से सुलझी किसानों की बड़ी मुश्किल
अब किसान मक्का हार्वेस्टिंग मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कंबाइन हार्वेस्टर की तरह काम करती है. इसमें अलग-अलग अटैचमेंट जोड़कर गेहूं, धान और मक्का जैसी फसलों की कटाई की जा सकती है. इस मशीन के कटर-बार पर लगे धारदार चाकू फसल को काटते हैं और कन्वेयर बेल्ट उसे थ्रेसिंग यूनिट तक पहुंचाती है. यहां दानों को रगड़कर अलग किया जाता है और फिर छलनी से छानकर इकट्ठा किया जाता है.
एक मशीन, चार काम: कटाई से लेकर दानों की सफाई तक
इस अत्याधुनिक मशीन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक ही समय में फसल की कटाई, थ्रेसिंग, दानों को इकट्ठा करना और मक्के को अलग करने जैसे सभी कार्य कर सकती है. यह खेत में गिरी हुई फसल को भी आसानी से उठा सकती है. इसमें एक बड़ा टैंक लगा होता है जो सारे मक्का दानों को इकट्ठा करता है और फिर सीधे कंटेनर में डाल देता है. इसकी लगभग 14 फीट लंबी कटर बार की मदद से एक बार में कई कतारों की कटाई संभव होती है.
किसानों के लिए साबित हो रही है वरदान
तराई क्षेत्र के किसान सुरजीत सिंह कहते हैं, “पहले मक्का की कटाई में मजदूर न मिलने से परेशानी होती थी, लेकिन अब हार्वेस्टिंग मशीन आ जाने के बाद सब कुछ आसान हो गया है. एक एकड़ में मक्का की कटाई का खर्चा केवल ₹2500 आता है.”
अब किसान समय पर फसल की कटाई कर पा रहे हैं और उन्हें फसल की बिक्री में भी फायदा हो रहा है. मशीन के इस्तेमाल से काम की गति और गुणवत्ता दोनों में इजाफा हुआ है, जिससे मक्का की खेती अब एक लाभदायक विकल्प के रूप में तेजी से उभर रही है.