
नोएडा: इजरायल ने शनिवार को ईरान के साउथ पारस गैस क्षेत्र में स्थित एक रिफाइनरी पर ड्रोन हमला किया है। यह वही क्षेत्र है जिसे ईरान और कतर मिलकर साझा करते हैं और जो फारस की खाड़ी में फैला हुआ है। हालांकि इस हमले की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अगर इस हमले की पुष्टि होती है, तो यह पहली बार होगा जब इजरायल ने ईरान के तेल और गैस उद्योग पर सीधा हमला किया है। ऐसी औद्योगिक साइटों के चारों ओर वायु सुरक्षा प्रणाली होती है, जिन्हें इजरायल लगातार निशाना बना रहा है।
मोसाद के ड्रोन हमले ने बनाया रास्ता साफ
इजरायली सेना के अनुसार, तेहरान के ऊपर उसकी वायुसेना अब पूरी तरह स्वतंत्र है। सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डफरिन ने बताया कि मोसाद के ड्रोन हमलों ने ईरान के डिफेंस सिस्टम को पहले ही निष्क्रिय कर दिया था, जिससे इजरायली लड़ाकू विमानों को कार्रवाई में कोई रुकावट नहीं आई।
200 फाइटर जेट्स की रणनीतिक कार्रवाई
इजरायल ने बताया कि उसके लगभग 200 लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार और शनिवार की रात ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान ईरान की तरफ से कोई प्रभावी जवाबी कार्रवाई नहीं हो सकी।
एफ-35 विमानों के गिरने के दावे को इजरायल ने किया खारिज
ईरान की ओर से यह दावा किया गया था कि उसने इजरायल के दो एफ-35 विमानों को मार गिराया है, लेकिन इजरायली सेना ने इसे गलत बताया है। इजरायल के अनुसार, उसके सभी लड़ाकू विमान सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य भेद कर सुरक्षित लौट आए।