
नई दिल्ली : भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण विवादों में आए अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत प्रदान की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें अस्थायी रूप से रिहा करने का आदेश दिया, जिससे उन्हें फिलहाल बड़ी राहत मिली है।
कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर जताई चिंता
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज में फैलने वाली संवेदनशीलता से भी जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार और देशहित एक-दूसरे के सामने हों।
बयान की जांच के लिए बनेगी SIT
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस पूरे प्रकरण की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। यह टीम प्रोफेसर के कथित बयान की मंशा, प्रभाव और संदर्भ की पूरी छानबीन करेगी। जांच के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या टिप्पणी जानबूझकर देश की सेना या सुरक्षा प्रतिष्ठानों को बदनाम करने के इरादे से की गई थी।
अभी राहत, लेकिन मामला खत्म नहीं
हालांकि कोर्ट के आदेश से प्रोफेसर अली खान को फिलहाल राहत मिली है, लेकिन मामला पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। SIT की जांच और आगे की न्यायिक प्रक्रिया के आधार पर यह तय होगा कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी या नहीं।