
नई दिल्ली: चेन्नई की एक विशेष महिला अदालत ने अन्ना यूनिवर्सिटी की छात्रा से यौन उत्पीड़न के दोषी ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ ही आरोपी पर ₹90,000 का जुर्माना भी लगाया है।
कम से कम 30 साल की सजा अनिवार्य
अदालत की न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने कहा कि आरोपी को कम से कम 30 वर्षों तक जेल में रहना होगा। अदालत ने उसे यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, अपहरण और धमकी जैसे कुल 11 आरोपों में दोषी पाया।
दलील हुई खारिज, अधिकतम सजा बरकरार
सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपनी बुजुर्ग मां और आठ साल की बेटी की देखभाल का हवाला देकर सजा में नरमी की अपील की थी। लेकिन जज ने स्पष्ट किया कि इतने गंभीर अपराधों में नरमी की कोई गुंजाइश नहीं है और उसे अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
महिला SIT ने की थी जांच, 25 लाख की सहायता पीड़िता को
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केवल महिलाओं की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने का भी आदेश दिया है।
तेजी से चली जांच, मार्च में हुआ ट्रायल ट्रांसफर
SIT ने 24 फरवरी 2025 को जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद 7 मार्च को मामला महिला विशेष अदालत को ट्रांसफर कर दिया गया था।
घटना का पूरा विवरण: 23 दिसंबर 2024 की रात
घटना 23 दिसंबर 2024 की है, जब ज्ञानशेखरन, जो कि बिरयानी विक्रेता है, अन्ना यूनिवर्सिटी परिसर में गया। वहाँ उसने एक छात्रा को उसके पुरुष मित्र के साथ देखा और उनके साथ मारपीट और धमकी दी। आरोपी ने वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की और बाद में यौन शोषण किया। उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।