
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 5 दिवसीय विदेश दौरे पर रवाना हो चुके हैं, जो भारत की विदेश नीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.
इस दौरान पीएम मोदी पश्चिम अफ्रीका के घाना, कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो, दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना और ब्राजील तथा अफ्रीकी देश नामीबिया का दौरा करेंगे.
यह यात्रा भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ रणनीति को मज़बूती देने, आर्थिक साझेदारी बढ़ाने और वैश्विक मंचों पर नेतृत्व स्थापित करने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है.
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने की एक ठोस रणनीति का हिस्सा है.
पीएम मोदी की यह यात्रा केवल राजनीतिक मेलजोल नहीं, बल्कि व्यापार, तकनीक, संस्कृति और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है. आइए जानते हैं कि इस बहुप्रतीक्षित दौरे में हर देश की रणनीतिक अहमियत क्या है—
घाना: अफ्रीकी सहयोग की नई इबारत
पश्चिम अफ्रीका का तेजी से बढ़ता देश घाना भारत के लिए सोने और खनिज संसाधनों का प्रमुख स्रोत है. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय पीएम की पहली यात्रा है.
मुख्य उद्देश्य:
व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा
स्टार्टअप्स, डिजिटल टेक और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में नई साझेदारी
ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी विकास परियोजनाओं का विस्तार
संसद को संबोधित कर राजनीतिक रिश्तों को और मज़बूती देना
त्रिनिदाद और टोबैगो: सांस्कृतिक रिश्तों की नई ऊंचाई
त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है, जो भारत के साथ ऐतिहासिक जुड़ाव का प्रतीक है. पीएम मोदी का यह दौरा भारत की सॉफ्ट पावर को और मज़बूत करेगा.
मुख्य उद्देश्य:
प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद
ऊर्जा संसाधनों, विशेषकर प्राकृतिक गैस में सहयोग
भारत-कैरिकॉम साझेदारी को मज़बूत करना
संसद को संबोधित कर सांस्कृतिक और राजनीतिक मेलजोल बढ़ाना
अर्जेंटीना: लिथियम और कृषि में नई संभावनाएं
दक्षिण अमेरिका में भारत की उपस्थिति मजबूत करने के लिहाज से अर्जेंटीना की यात्रा बेहद अहम है. खासतौर पर लिथियम खनन जैसे क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने का प्रयास इसमें अहम होगा.
मुख्य उद्देश्य:
लिथियम, कृषि और फार्मा क्षेत्रों में व्यापारिक साझेदारी
जलवायु, सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा पर वैश्विक संवाद
रणनीतिक रिश्तों को मजबूत कर दक्षिण अमेरिकी देशों से करीबी बढ़ाना
ब्राजील: BRICS मंच से वैश्विक नेतृत्व
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी ब्राजील जा रहे हैं. यहां भारत को ब्रिक्स देशों में अपनी भूमिका को और मज़बूत करने का अवसर मिलेगा.
मुख्य उद्देश्य:
ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से रक्षा, आतंकवाद और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहयोग पर बातचीत
ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक के ज़रिए विकासशील देशों में निवेश बढ़ाना
नामीबिया: ऊर्जा, यूरेनियम और अफ्रीका रणनीति
अफ्रीकी नीति के तहत नामीबिया का दौरा भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम है. यह खनिज और यूरेनियम जैसे संसाधनों के लिए एक अहम भागीदार है.
मुख्य उद्देश्य:
यूरेनियम और खनन क्षेत्रों में साझेदारी
संसद को संबोधित कर राजनीतिक भरोसा बढ़ाना
सांस्कृतिक, शैक्षणिक और विकास परियोजनाओं में सहयोग
निष्कर्ष:
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ का अगुवा बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है. जहां एक ओर भारत ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी नवाचार और खनिज संसाधनों की दौड़ में अपनी स्थिति मज़बूत करेगा, वहीं सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों के माध्यम से दुनिया में अपनी सॉफ्ट पावर को भी विस्तार देगा.