
scheme
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार, 1 जुलाई 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive – ELI Scheme) को मंजूरी दे दी है. इसका मकसद देश में नौजवानों को रोजगार से जोड़ना और नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करना है. सरकार का लक्ष्य इस योजना के जरिए अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ लोगों को नौकरियां देना है.
यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और 31 जुलाई 2027 तक मान्य रहेगी. योजना को दो भागों में बांटा गया है—भाग-ए (कर्मचारियों के लिए) और भाग-बी (नियोक्ताओं के लिए). आइए जानते हैं इस योजना की पूरी डिटेल—
भाग-ए: पहली बार नौकरी करने वालों को मिलेगा वेतन प्रोत्साहन
इस योजना के पहले भाग के तहत ऐसे युवा जो पहली बार किसी भी औपचारिक रोजगार में शामिल हो रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से 15,000 रुपये तक का प्रोत्साहन वेतन दिया जाएगा.
यह प्रोत्साहन दो किस्तों में मिलेगा:
- पहली किस्त 6 महीने की सेवा पूरी होने के बाद.
- दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद.
सरकार ने यह भी कहा है कि वेतन की सीमा अधिकतम 1 लाख रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है. इसके अतिरिक्त, सरकार चाहती है कि युवा बचत की आदत डालें, इसलिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा फिक्स्ड सेविंग इंस्ट्रूमेंट में रखा जाएगा, जिसे कर्मचारी भविष्य में निकाल सकेंगे. इस भाग के तहत अनुमान है कि 1.92 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.
भाग-बी: नियोक्ताओं को भी मिलेगा सहयोग
इस भाग के तहत सभी सेक्टर, विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग, को अतिरिक्त रोजगार देने पर प्रोत्साहित किया जाएगा.
अगर कोई नियोक्ता 1 लाख रुपये प्रतिमाह तक की सैलरी वाले नए कर्मचारी को कम से कम 6 महीने के लिए नौकरी पर रखता है, तो सरकार उसे हर कर्मचारी पर 2 साल तक 3,000 रुपये प्रति माह देगी.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे साल तक भी बढ़ाया जा सकता है.
जानिए वेतन स्लैब और प्रोत्साहन राशि
- 10,000 रुपये तक सैलरी: 1,000 रुपये/माह
- 10,000–20,000 रुपये तक सैलरी: 2,000 रुपये/माह
- 20,000–1,00,000 रुपये तक सैलरी: 3,000 रुपये/माह
- कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को आनुपातिक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे योजना का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे.
निष्कर्ष
यह योजना भारत सरकार की रोजगार पर केंद्रित सबसे बड़ी पहलों में से एक है, जो न केवल नवयुवकों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगी, बल्कि उद्योगों को भी नए रोजगार सृजन के लिए प्रेरित करेगी. इससे देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी.