
नई दिल्ली: कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (रिजॉर्ट मालिक) समेत सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, सबूत मिटाने और छेड़छाड़ के आरोपों में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दोष सिद्ध: 302, 201 और 354 की धाराएं लागू
कोर्ट ने सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (महिला से छेड़छाड़) के तहत दोषी करार दिया। तीनों को 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। साथ ही, अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने का भी निर्देश दिया गया है।
अदालत के बाहर तनाव, पुलिस ने रोकी भीड़
फैसले से पहले कोटद्वार न्यायालय परिसर में माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा। लोगों की भारी भीड़ ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर अदालत में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फोर्स की तैनाती बढ़ा दी। गढ़वाल मंडल के कई जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर बुलाया गया था।
देशभर की निगाहें टिकी थीं इस फैसले पर
यह मामला लंबे समय से जनमानस की भावनाओं से जुड़ा रहा है। उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले पर टिकी थीं। फैसला आने से पहले सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा थी।
केस की सुनवाई और फैसला
अंकिता भंडारी हत्याकांड में पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया। अंतिम बहस 19 मई 2025 को पूरी हुई थी, जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 30 मई की तारीख तय की थी।
निष्कर्ष
कोर्ट के इस फैसले से अंकिता के परिवार को आंशिक न्याय मिला है, हालांकि जनता अब भी इस बात पर नज़र रखे हुए है कि आगे क्या-क्या कार्रवाई होगी। यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर जनता के भरोसे को मज़बूती देता है।