
नई दिल्ली: पीरियड्स महिलाओं के शरीर की एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, जो लगभग 13 साल की उम्र से शुरू होकर 50-55 वर्ष तक चलती है। यह महिला प्रजनन स्वास्थ्य और गर्भधारण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
बावजूद इसके, समाज में इसे लेकर अब भी शर्म और चुप्पी देखने को मिलती है, जिसके चलते महिलाएं मेंस्ट्रुअल हाइजीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित रह जाती हैं।
क्यों मनाया जाता है मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे?
हर साल 28 मई को ‘Menstrual Hygiene Day’ मनाया जाता है ताकि पीरियड्स के दौरान स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। खराब हाइजीन से न केवल असुविधा होती है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
खराब हाइजीन से हो सकती हैं ये दिक्कतें
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI): गंदे या देर तक इस्तेमाल किए गए पैड में बैक्टीरिया पनपते हैं, जो इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।
स्किन रैशेज और खुजली: गीले या बार-बार इस्तेमाल किए गए कपड़े से त्वचा में जलन और संक्रमण हो सकता है।
एचपीवी संक्रमण का खतरा: बार-बार होने वाले इन्फेक्शन से गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में सूजन आती है, जिससे ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
पीरियड्स के दौरान स्वच्छता कैसे रखें?
सेनेटरी पैड या साफ सूती कपड़ा इस्तेमाल करें, जिसे धूप में अच्छी तरह सुखाया गया हो।
पैड या कपड़ा बदलने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं।
हर 4-6 घंटे में पैड जरूर बदलें, भले ही ब्लीडिंग कम हो।
पैड बदलते समय प्राइवेट पार्ट को साफ पानी से धोएं और उसे सुखा लें।
साफ-सुथरे कपड़े पहनें, संतुलित आहार लें और भरपूर आराम करें।
इस्तेमाल किए हुए पैड को सही तरीके से डिस्पोज करें, खुले में फेंकने या जलाने से बचें क्योंकि इससे पर्यावरण और लोगों की सेहत को नुकसान हो सकता है।
संदेश:
मेंस्ट्रुअल हाइजीन न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास से भी जुड़ी होती है। इसलिए हर महिला को इस बारे में जागरूक होना जरूरी है – और हर व्यक्ति को इसे लेकर खुलकर बात करनी चाहिए।