
नई दिल्ली: दरभंगा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट ने अलीनगर के भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को मारपीट के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
पहले 21 फरवरी को निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत दोनों को तीन महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना सुनाया था। इस फैसले को दोनों ने अपीलीय अदालत में चुनौती दी थी।
अदालत ने खारिज की अपील, बढ़ाई सजा
एमपी-एमएलए कोर्ट के अपीलीय विशेष न्यायाधीश सह जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने 23 मई को इस अपील को खारिज कर दिया और निचली अदालत की सजा को बहाल रखते हुए दोनों आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया।
सुनवाई के बाद सजा में हुआ संशोधन
मंगलवार को सजा की अवधि पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सजा में संशोधन करते हुए विधायक मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को दो-दो साल का सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना सुनाया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर वे जुर्माना अदा नहीं करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त एक साल का साधारण कारावास भुगतना होगा।
निष्कर्ष:
इस निर्णय से यह संदेश गया है कि विधायकों और जनप्रतिनिधियों को भी कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा। अदालत का यह फैसला विधि व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।