
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। यह निर्णय खुद पार्टी प्रमुख और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए लिया। तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
लालू यादव बोले – नैतिक मूल्यों की अवहेलना स्वीकार्य नहीं
लालू यादव ने पोस्ट में लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी हमारे सामाजिक न्याय के संघर्ष को कमजोर करती है। ज्येष्ठ पुत्र का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों के अनुकूल नहीं है। अतः उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अब से तेज प्रताप की पार्टी और परिवार में कोई भूमिका नहीं होगी।
‘लोकलाज का हिमायती रहा हूं’ – लालू का भावनात्मक संदेश
लालू यादव ने आगे लिखा, “अपने जीवन का निर्णय लेने में वह सक्षम है, और उससे संबंध रखने वाले लोग स्वयं निर्णय लें। मैं सार्वजनिक जीवन में लोकलाज का सदैव पक्षधर रहा हूं और मेरे परिवार के सदस्यों ने भी इसका पालन किया है।”
वायरल पोस्ट से मचा बवाल
इस पूरे विवाद की शुरुआत एक वायरल फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसमें तेज प्रताप एक युवती के साथ दिख रहे थे। पोस्ट में दावा किया गया कि दोनों पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में हैं।
तेज प्रताप की ओर से लिखा गया, “मैं बहुत समय से यह बात आपसे साझा करना चाहता था… आज दिल की बात कह रहा हूं।” यह पोस्ट कुछ ही देर में वायरल हो गई और सोशल मीडिया पर चर्चाओं का केंद्र बन गई।
पोस्ट डिलीट, सियासी बवाल जारी
हालांकि पोस्ट बाद में डिलीट कर दी गई, लेकिन तब तक यह मुद्दा सियासी गलियारों से लेकर आम जनता तक पहुंच चुका था। इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी लालू परिवार पर तीखा हमला बोला
तेज प्रताप की सफाई – “आईडी हैक हुई थी”
विवाद के कुछ समय बाद तेज प्रताप यादव ने दावा किया कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था। उन्होंने लिखा, “मेरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हैक कर मेरी तस्वीरों को एडिट कर मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई है। मैं अपने शुभचिंतकों से अपील करता हूं कि वे सतर्क रहें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”
राजनीतिक भविष्य पर सवाल, पारिवारिक दरार गहराई?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या तेज प्रताप की सफाई से स्थिति सुधरेगी, या फिर यह पारिवारिक और राजनीतिक दरार और गहराएगी? जो भी हो, यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में यह एक बड़ी और निर्णायक घटना बन चुकी है।