
नई दिल्ली: भारत अब अंतरिक्ष अन्वेषण के एक और ऐतिहासिक क्षण की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख वी. नारायणन ने हाल ही में जानकारी दी कि भारत 2027 की पहली तिमाही तक अपनी पहली मानव अंतरिक्ष यात्रा लॉन्च करेगा। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं और वर्ष 2025 को ‘गगनयान वर्ष’ घोषित किया गया है।
गगनयान मिशन की मजबूत नींव
इसरो प्रमुख के अनुसार, दिसंबर 2025 में ‘व्योममित्र’ नामक रोबोट के साथ पहला मानव रहित परीक्षण मिशन भेजा जाएगा। यह मिशन मानव उड़ान की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। इसके बाद दो और मानव रहित मिशन लॉन्च किए जाएंगे, जिससे सिस्टम और सुरक्षा की अंतिम जांच होगी।
स्पैडेक्स मिशन की सफलता से बढ़ा आत्मविश्वास
स्पैडेक्स मिशन, जो दो छोटे स्पेसक्राफ्ट्स के बीच अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक के परीक्षण पर केंद्रित था, सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसे PSLV रॉकेट से लॉन्च किया गया था और इस मिशन के लिए 10 किलो ईंधन की व्यवस्था की गई थी।
2025: मिशनों की झड़ी लगेगी
ISRO साल 2025 में हर महीने एक अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है। इनमें NASA और ISRO की साझेदारी में बना सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) सैटेलाइट मिशन भी शामिल है, जिसे भारत के अपने रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
ISRO की उपलब्धियाँ और आगे का सफर
अब तक ISRO 7200 से अधिक मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है, जबकि करीब 3000 परीक्षण अभी भी लंबित हैं। यह आंकड़ा भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं और वैज्ञानिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2027 में पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान भारत के लिए एक नई वैज्ञानिक ऊंचाई होगी, जो उसे वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों की श्रेणी में और भी मजबूती से स्थापित करेगी।